हफ़ीज अहमद खान
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
मोहल्ला शहीद अब्दुल्लाह नगर के रहने वाले मो. मोईनुद्दीन के पुत्र सिराजुद्दीन ने पूरा कुरआन-ए-पाक याद कर लिया है। क़ुरआन-ए-पाक के सभी तीस पारों (अध्याय) को उच्चारण सहित पूरा कराने में उनके उस्ताद हाफिज रजी अहमद बरकाती का सहयोग रहा। खुशी के इस मौके पर बरकाती मकतब पुराना गोरखपुर गोरखनाथ में दुआ का कार्यक्रम हुआ। इसमें सिराजुद्दीन को परिजनों ने दुआओं से नवाजा। उनके पिता मोईनुद्दीन ने बताया कि यह उनके और खानदान व रिश्तेदारों के लिए खुशी का मौका है। हाफिज रजी ने कहा कि कुरआन की तालीम हर मुसलमान के लिए जरूरी है क्योंकि कुरआन एक किताब भी नहीं बल्कि दुनिया में ज़िंदगी गुजारने का तरीका है।
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