परचमी जुलूस व गंगा महारानी शोभा यात्रा एक मार्ग होने के कारण परचम कुशाई की रस्म समय से थोड़ा पहले की जाएगी अदा।
बरेली, उत्तर प्रदेश।
आला हज़रत फ़ाज़िले बरेलवी के 105 वा उर्से रज़वी बरेली का आगाज़ रज़वी परचम से कल 10 सितंबर को हो जाएगा। उर्स की सभी रस्में दरगाह प्रमुख हज़रत मौलाना अल्हाज़ सुब्हान रज़ा खान (सुब्हानी मियां) की सरपरस्ती व सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रज़ा क़ादरी (अहसन मियां) की सदारत और सय्यद आसिफ मिया व उर्स प्रभारी राशिद अली खान की निगरानी में दरगाह परिसर व इस्लामिया मैदान में अदा की जाएगी। मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने बताया कि उर्स का आगाज़ परचम कुशाई की रस्म के साथ होगा। इससे पहले दरगाह के सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रज़ा क़ादरी(अहसन मियां) की कयादत में परचम का जुलूस आजम नगर से अल्लाह बक्श के निवास से निकलेगा। कल ही गंगा महारानी शोभा यात्रा भी जुलूस मार्ग से निकलेगी। इसको लेकर ज़िला प्रशासन,दरगाह व गंगा महारानी कमेटी के एक दूसरे के सम्पर्क में रहकर शांति पूर्वक सम्पन्न कराएंगे। इस मर्तबा परचम कुशाई का जुलूस अपने तय शुदा वक्त से थोड़ा पहले निकाल लिया जाएगा। और परचम कुशाई की रस्म शाम 7.30
बजे तक करा ली जाएगी।
10 सितंबर(रविवार):- उर्स का आगाज़ इस्लामिया मैदान में परचम कुशाई की रस्म के साथ होगा। इससे पहले आजम नगर स्थित हाजी अल्लाह बख्श के निवास से परचमी जुलूस 4 बजे दरगाह के सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां की क़यादत में कुमार टाकीज,इंदिरा मार्केट होते हुए बिहारीपुर के ढाल के रास्ते दरगाह पहुँचेगा। यहाँ सलामी देने के बाद जुलूस दरगाह से दरगाह प्रमुख हज़रत सुब्हानी मियां की क़यादत में वापिस इस्लामिया मैदान पहुँचेगा। दुनियाभर के उलेमा की मौजूदगी में हज़रत सुब्हानी मियां यहाँ परचम कुशाई की रस्म अदा करेंगे। इसी के साथ उर्स का विधिवत ऐलान हो जाएगा। बाद नमाज़ ए मग़रिब महफ़िल ए मिलाद होगी। रात में 10 बजकर 35 मिनट पर आला हज़रत के बड़े साहिबजादे हुज्जातुल इस्लाम के कुल शरीफ की रस्म अदा होगी। इसके बाद नातिया मुशायरा हज़रत अहसन मियां की सदारत में मुफ़्ती आकिल रज़वी,मुफ्ती सलीम नूरी,मुफ्ती सय्यद कफील हाशमी,मुफ्ती मोइनुद्दीन, मुफ़्ती अफ़रोज़ आलम,कारी अब्दुर्रहमान क़ादरी,मुफ़्ती अनवर अली,मौलाना डॉक्टर एज़ाज़ अंजुम की निगरानी में शुरू होगा। मुफ्ती सलीम नूरी बरेलवी ने बताया कि मुशायरा का मिसरा तरही "उंगलियां कानों में दे दे कर सुना करते है।" होगा। देश विदेश के शायर इसी मिसरे पर अपने-अपने कलाम पेश करेंगे। मुशायरा देर रात तक जारी रहेगा।
पूरे उर्स की व्यवस्था की कमान मौलाना ज़ाहिद रज़ा,परवेज़ नूरी,अजमल नूरी,ताहिर अल्वी,शाहिद नूरी,औरंगजेब नूरी,नासिर कुरैशी,हाजी जावेद खान,मंज़ूर रज़ा,आसिफ रज़ा,शान रज़ा,सय्यद फैज़ान अली,यूनुस गद्दी,खलील क़ादरी,रईस रज़ा,तारिक सईद,मुजाहिद रज़ा,आलेनबी, जोहिब रज़ा,इशरत नूरी,ज़ीशान कुरैशी,हाजी अब्बास नूरी,सय्यद माजिद अली,सय्यद एज़ाज़,काशिफ सुब्हानी,फ़ारूक़ खान,साजिद नूरी,गौहर खान,सबलू अल्वी,गफ़ूर पहलवान,सरताज बाबा,शहज़ाद पहलवान,आरिफ नूरी,एडवोकेट काशिफ रज़ा,अजमल खान,समी खान,सुहैल रज़ा,शाद रज़ा,अरबाज़ रज़ा,जावेद खान,अब्दुल माजिद,अयान क़ुरैशी,साकिब रज़ा,रोमान रज़ा,हाजी शकील नूरी,फ़ैज़ कुरैशी,नईम नूरी,मुस्तक़ीम नूरी,इरशाद रज़ा,आसिम नूरी,अश्मीर रज़ा,फ़ैज़ी रज़ा,सलमान रज़ा,सय्यद जुनैद,सय्यद फरहत,ताहिर चिश्ती,मिर्जा जुनैद,गजाली रज़ा,फारूक खान,कमाल आसिफ, ग्याज़ रज़ा,शाहीन रज़ा,जावेद खान,नफीस खान,हाजी शारिक नूरी,हाजी अज़हर बेग,जुनैद चिश्ती,आदिल रज़ा,आसिफ नूरी,रोमान रज़ा,आसिम हुसैन,आरिफ नूरी आदि के हाथों में रहेगी।
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