-श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर आकर्षण का केंद्र रहीं योगेश्वर की झांकियां, पूजन-अर्चन।
- भए प्रगट कृपाला दीनदयाल व भजन-कीर्तन से यशोदानंदन का वंदन।
- मेरे तो गिरधर नंद गोपाल, कृष्णा-कृष्णा हरे -हरे पर झूमे भक्त।
सीमा भारद्वाज
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी श्रद्धा व हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। घर-मंदिरों में भगवान श्रीकृष्ण की आकर्षक झांकियां सजाई गई। भजन-कीर्तन के साथ योगेश्वर के वंदन का सिलसिला देर रात तक चलता रहा।
वैष्णव जन व साधु संतों ने योगेश्वर की स्तुति किया।
घरों व मंदिरों में झांकी सजाकर सुंदरकांड पाठ, गणपति वंदना के साथ भजन-कीर्तन हुए। रात में भगवान का जन्मोत्सव बना। हरे कृष्ण गोविंद हरे मुरारी.., भए प्रकट कृपाला दीनदयाला, नंद के घर आनंद भयो, जय कन्हैया लाल, मीरा का भी श्याम राधा का भी श्याम, मन मथुरा-तन वृदांवन भजनों से प्रभु की स्तुति हुई। गणपति वंदना के पश्चात श्याम तेरी वंशी, कन्हैया तुझे इक नजर देखना है..., मेरे तो गिरधर नंद गोपाल, बाजत मुरली .., मन मथुरा तन वृदांवन.., कृष्णा-कृष्णा हरे -हरे के साथ देर रात तक भक्ति की मंदाकिनी बहती रही। गणपति पूजन व कान्हा के विभिन्न लीलाओं का गुणगान हुआ। शंखनाद, जयघोष व भजनों से भक्तिमय बना रहा। भक्तों ने भजन-कीर्तन, गीत-संगीत, सांस्कृतिक कार्यक्रमों में छोटे-बड़े सभी भक्ति में डुबकी लगाते रहे।
जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण जन्म, गणपति पूजन व कान्हा के विभिन्न लीलाओं का गुणगान कर किया गया। जैसे ही रात में 12 बजे लड्डू गोपाल को झूला झूलाकर रती हुई। भक्तों ने भजन-कीर्तन, गीत-संगीत, सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बीच प्रभु की आराधना की। शहर के गीता बाटिका, तुर्कमानपुर, आर्य नगर, बेतियाहाता आदि स्थानों पर
भव्य झांकी सजाकर कन्हैया का जन्मोत्सव मना। भजनों से गुणगान किया। महिलाओं ने सोहर का गान किया। कभी राम बनके कभी श्याम बनके, प्रभु आप की कृपा से.., लीलाधारी प्रभु आपकी शरण में आकर... आदि गीत हुए।
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