इंडियन ह्यूमन राइट्स संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष के नैतृव में खैरमकदम किया गया ।
सेराज अहमद कुरैशी
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक नए साल की शुरुआत मुहर्रम के महीने से होती है. शिया मुसलमानों के लिए ये महीना बेहद गम भरा होता है. जब भी मुहर्रम की बात होती है तो सबसे पहले जिक्र कर्बला का किया जाता है. आज से लगभग 1400 साल पहले तारीख-ए-इस्लाम में कर्बला की जंग हुई थी. ये जंग जुल्म के खिलाफ इंसाफ के लिए लड़ी गई थी. इस जंग में पैगंबर मोहम्मद के नवासे इमाम हुसैन और उनके 72 साथी शहीद हो गए थे. इसलिए कहा जाता है हर कर्बला के बाद इस्लाम जिंदा होता है. इसी क्रम आज घण्टाघर में शिया समूदाय द्वारा मातम जलूस का खैरमकदम किया गया।गोरखपुर में यह मातमी जलूस सैकडों साल से मुहर्रम की चौथी तारीख को निकलता है जलूस जो मालूम मुहम्मद मेहंदी के मकान से बरामत शेखपुर आगा साहब के इमामबाड़ा पर जाकर तमाम होता है। लोग जंजीरी मातम करते हैं। लंबी कतार में जलूस अपने पारंपरिक रुट से होता हुआ बसंतपुर ,घण्टाघर, ऊर्दू बाजार, शेखपुर आदि रास्ते पर जगह जगह इण्डियन ह्यूमन राइट्स संगठन द्वारा खैरमकदम किया गया मोहर्रम की चौथी मातमी जुलूस जो मालूम मोहम्मद मेहंदी के मकान से बरामद शेख पुर आगा शाहबान इमामबाड़ा पर जा कर खत्म होता है इंडियन ह्यूमन राइट्स ऑर्गेनाइजेशन ने मातमी जुलूस का खैर मकदम किया और पुष्प वर्षा किया,खजूर ,बिस्किट,मीठा और पानी पिलाया।
राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहम्मद रजी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुहम्मद शाहब हुसैन, विजय श्रीवास्तव, अनिल जायसवाल, एडवोकेट सुशील शर्मा,हरीश मिश्रा, संरक्षक अरशद जमाल सामानी, महानगर मंत्री, डॉ. रशीद हुसैन महानगर उपाध्यक्ष, डॉ तबरेज़ महानगर उपाध्यक्ष, मेंहदी हसन, वहाज अहमद, वासिम खान, मुहम्मद सलीम, इमरान, परवेज अहमद, फैसल हुसैन (मिडिया इंचार्ज ), तनवीर आलम सिद्दीकी (मिडिया प्रभारी), दीपक शाह, जफर अंसारी, तनवीर अहमद सम्मानित पदाधिकारी उपस्थित थे।
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