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इल्मी मुक़ाम की मुमताज़ शख्सियत थे रेहाने मिल्लत- मुफ़्ती अय्यूब खान

बरेली, उत्तर प्रदेश।

आज मरकज़-ए-अहले सुन्नत बरेली शरीफ में आला हज़रत फ़ाज़िले बरेलवी के पोते मुफ़्ती रेहान रज़ा खान रहमतुल्लाह (रहमानी मिया) का 38 वा एक रोज़ा उर्स दरगाह परिसर में मनाया गया। शाम को सामूहिक रोज़ा इफ़्तार हुआ जिसमें दूर दराज़ के हज़ारों अक़ीदमंदो ने शिरक़त की। रोज़े से पहले सज्जादानशीन मुफ़्ती अहसन मियां ने मुल्क-ओ-मिल्लत की खुशहाली की ख़ुसूसी दुआ की। उर्स के सभी कार्यक्रम दरगाह प्रमुख हज़रत मौलाना सुब्हान रज़ा खान(सुब्हानी मियां) की सरपरस्ती,सज्जादानशीन मुफ़्ती अहसन मियां की सदारत व सय्यद आसिफ मियां की देखरेख में सम्पन्न हुए। 

   मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने बताया कि उर्स की शुरआत बाद नमाज़-ए-फ़ज़्र कुरानख्वानी से हुआ। सुबह 8 बजे महफ़िल का आगाज़ कारी रिज़वान रज़ा ने तिलावत-ए-क़ुरान से किया। नातख़्वा हाजी गुलाम सुब्हानी,आसिम नूरी व मुस्तफ़ा मुर्तज़ा अजहरी ने हम्द,नात व मनकबत का नज़राना पेश किया। इसके बाद दरगाह सरपरस्त हज़रत सुब्हानी मियां की सदारत व सय्यद आसिफ मियां,मुफ़्ती जमील,मुफ़्ती मोइन,मुफ़्ती अफ़रोज़ आलम,मुफ़्ती सय्यद शाकिर अली आदि की मौजूदगी में उलेमा की तक़रीर का सिलसिला शुरू हुआ। मुफ़्ती अय्यूब खान नूरी ने रेहाने मिल्लत को खिराज़ पेश करते हुए कहा कि इल्मी मुकाम की मुमताज़ शख्सियत थे रेहाने मिल्लत। आप अरबी व इंग्लिश जुबान के माहिर थे। आपने एशिया के अलावा यूरोप,अफ्रीका,अमेरिका आदि का दौरा मसलक को फरोग देने के लिए किया। आप तलबा को (छात्रों) बुखारी शरीफ का दर्स(शिक्षा) अरबी से अरबी में देते थे। कारी अब्दुर्रहमान खान क़ादरी ने अपनी तक़रीर में कहा कि नातिया शायरी में आपको महारत हासिल थी। नातिया शायरी आपको आला हज़रत से विरासत में मिली। आपने इस्लाम-ओ-सुन्नियत के लिए बड़े बड़े कारनामे अंजाम दिए। मुफ़्ती सलीम नूरी बरेलवी ने कहा कि आपने मुल्क में आपसी सौहार्द को बढ़ावा देने ,नफ़रत,भेदभाव व अल्पसंख्यको के अधिकारों के लिए अपनी आवाज़ हमेशा बुलंद की। सुबह 9.58 मिनट पर कारी रिज़वान रज़ा ने फ़ातिहा पढ़ी। दुआ सदर मुफ्ती आकिल रज़वी ने की। दिन भर गुलपोशी व चादरपोशी का सिलसिला चलता रहा। 

   उर्स की व्यवस्था हाजी जावेद खान,शाहिद नूरी,मंज़ूर खान,अजमल नूरी,परवेज़ नूरी,ताहिर अल्वी, औररंगज़ेब नूरी,हाजी अब्बास नूरी,ज़हीर अहमद,अबरार उल हक़,आसिफ खान,शारिक बरकाती,अरबाज़ खान,मुजाहिद बेग,सुहैल रज़ा,ख़लील क़ादरी,जोहिब रज़ाअब्दुल माजिद,इशरत नूरी,मोहसिन रज़ा,गौहर खान,शान रज़ा,तारिक सईद,सय्यद माजिद,साकिब रज़ा,साजिद नूरी,नईम नूरी,नफीस खान,शाद रज़ा,सबलू अल्वी,आसिफ नूरी,मुस्तकीम नूरी,समीर रज़ा,आदिल रज़ा,ज़ुबैर रज़ा,मुलतज़म आदि लोगो ने संभाली।

Karunakar Ram Tripathi
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