हम होंगे कामयाब गीत गाकर बच्चों में जगा जीत का जज्बा।
सैय्यद फरहान अहमद
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
जामिया अल इस्लाह एकेडमी नौरंगाबाद में समर कैंप का पांचवां दिन टाइम मैनेजमेंट, पोस्टर लेखन व गीतों के नाम रहा। 'हम होंगे कामयाब' गीत गाकर बच्चों ने आशा और सफलता के प्रति विश्वास को दर्शाया।
कुरआन-ए-पाक की तिलावत सैयद मुहम्मद ताहिब ने की। नात-ए-पाक आयशा ने पेश की। शिक्षक आसिफ महमूद ने परिचय दिया। कारी मुहम्मद अनस रजवी ने लक्ष्य साधने व उठने बैठने का तरीका बताया। बच्चों को शिक्षक अली अहमद द्वारा पुरस्कृत किया गया।
लखनऊ से आए ट्रेनर नूरुद्दीन निजामी ने कहा कि हमें अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए दृढ़ विश्वास और आशावादी रहना चाहिए। भले ही रास्ते में कितनी भी बाधाएँ आएं, हमें हार नहीं माननी चाहिए और अंततः हम सफल होंगे। हमें दो चीजों एक वो जिसे करने की जरूरत है और एक वो जिसे हम करना चाहते हैं, के बीच संतुलन करने के लिए समय प्रबंधन की जरूरत है। जो कोई भी दोनों चीजों को सही तरह से संतुलित कर लेता है वह आगे बढ़ता चला जाता है। दोनों के बीच संतुलन नहीं साध पाने से जीवन में कई तरह की जटिलताएं आती चली जाती है। बस इसी संतुलन को बनाने के लिए समय-प्रबंधन की जरूरत होती है। 'वो करो जो आपको करना है और जब आपको करना है। टाइम-मैनेजमेंट वो छोटे-छोटे उपाय हैं, जिनके माध्यम से कम या निश्चित समय में हम जरूरी और इच्छित दोनों ही तरह के काम कर सकें।
सामाजिक कार्यकर्ता प्रसेन व अम्बरीष ने कहा कि जीवन सिर्फ पढ़ना और अध्ययन करना ही नहीं है, इसका मतलब खुश होकर जीना भी है। इसकी सीधा-सा मतलब है कि आपका काम आपको आनंद दे रहा हो। सीधी-सी बात यह है कि हमें हर काम करना होता है। इससे हमें अनुभव मिलता है, जीवन के विभिन्न आयाम खुलते हैं। यदि हम जो कर रहे हैं उससे ही हम प्यार करने लगें, तो जीवन में स्वस्थ संतुलन बन सकता है। कैंप में प्रधानाचार्या आयशा खातून, उप प्रधानाचार्या शीरीन आसिफ, बेलाल अहमद, तनवीर, आरजू, अदीबा, हाफिज रहमत अली निजामी, फरीदा, मंतशा, फरहीन, आयशा, सना, फरहत, यासमीन, गुल अफ्शा, नाजिया, आफरीन, तानिया, यासमीन आदि मौजूद रहे।
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