-1500वां जश्ने विलादत-ए-मुस्तफा के कार्यक्रमों का परचम कुशाई से आगाज।
वसीम अकरम कुरैशी
जयपुर, राजस्थान।
हजरत मुहम्मद सल्ललाहु अलैहि वसल्लम के 1500वें जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी के अवसर पर सोमवार को यहां पहाड़गंज स्थित हिरा इंगलिश सीनियर सैकेंडरी स्कूल में एक विशेष कार्यक्रम ह्यपरचम कुशाईह्ण का आयोजन हुआ। जिसमें मुख्य अतिथि इस्लामिक इंटरनेशनल मोटिवेशनल स्पीकर अमीर सुन्नी दावते इस्लामी हजरत मौलाना मोहम्मद शाकिर अली नूरी साहब (मुंबई) ने हुजूरे अकरम सल्ललाहु अलैहि वसल्लम का अखलाकी इंकलाब विषय पर कुरान व हदीस की रोशनी में विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि हुजूर नबी-ए-करीम सल्ल. ने किस तरह सहाबा किराम की तरबियत फरमाई और व्यवहारिक तौर पर उन्हें जीवन पद्धति में अपनाया।
आले रसूल अल्हाज मौलाना सैय्यद मुहम्मद कादरी साहब की निगरानी, मुफ्ती-ए-शहर जयपुर हजरत मुफ्ती अब्दुस्सत्तार साहब की सरपरस्ती एवं आईम्मा ए अहले सुन्नत की कयादत में आयोजित इस कार्यक्रम में हजरत मुहम्मद सल्ललाहु अलैहि वसल्लम की जीवनी पर विभिन्न वक्ताओं ने विस्तार से प्रकाश डाला। इस मौके पर चारदीवारी क्षेत्र में विशेष सजावट की गई। गरीबों को खाद्य साम्रग्री, जेल व अस्पतालों में जरुरतमंदों को फल वितरित किए गए और यह सिलसिला जारी रहेगा। सुन्नी दावते इस्लामी जयपुर, नूरी सुन्नी सेंटर विकास समिति और वाहिद मेमोरियल सोसायटी की ओर से आयोजित इस ह्यपरचम कुशाईह्णकार्यक्रम का आगाज हजरत मौलाना मोहम्मद शाकिर अली नूरी साहब ने परचम लहरा कर की। इससे पूर्व इनका एक व्याख्यान हुजूर सल्ललाहु अलैहि वसल्लम का अखलाकी इंकलाब विषय पर हुआ।
जलसे और आमसभाएं होंगी
वहीं कार्यक्रम संयोजक मौलाना सैय्यद मुहम्मद कादरी साहब ने उपस्थित जनों से आग्रह किया कि वे इस साल जितना हो सके ज्यादा से ज्यादा हुजूर की बारगाह में दुरूद शरीफ पढ़े। उन्होंने बताया कि पूरे शहर जयपुर में झंडे लगाए जाएंगे। जगह-जगह आखरी पैगम्बर की सीरत-ए-पाक और उनके दुनिया में आने का मकसद क्या था, इस पर जलसे और आमसभाएं होंगी। सलातो सलाम व दुआ के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।
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